पोस्टमार्टम प्रक्रिया हुई पूर्ण, जल्लादों द्वारा खोदी कब्र में फिर दफ्न हुई आफरीन| लाश ने दी गवाही मरने से पहले आफरीन के साथ हुई बर्बरता |

पोस्टमार्टम प्रक्रिया हुई पूर्ण, जल्लादों द्वारा खोदी कब्र में फिर दफ्न हुई आफरीन| लाश ने दी गवाही मरने से पहले आफरीन के साथ हुई बर्बरता |

Aug 8, 2023 - 22:26
Aug 9, 2023 - 07:58

न्यूज़ 21 हिन्दी|
उत्तर प्रदेश|

उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद के थाना क्षेत्र पीपरपुर की टिकावर निवासी 20 वर्षीय आफरीन बानों अब दुनिया में नहीं है, उसकी मौत का कारण प्रेम से बौखलाये उसके परिजनों की क्रूरता है ऐसे आरोप लगने के बाद पीपरपुर पुलिस ने जिलाधिकारी की स्वीकृति पर आफरीन को दफनाये जाने के दो दिन बाद सोमवार सात जुलाई को अमेठी उपजिलाधिकारी तथा अमेठी सीओ की मौजूदगी में आफरीन का शव कब्र से निकलवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा जिसकी कार्यवाही आठ जुलाई को दोपहर साढ़े तीन बजे के करीब पूर्ण कर ली गई|
पोस्टमार्टम प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद मंगलवार शाम आफरीन का शव पुनः उसी क़ब्र में दफना दिया गया जिसे उसके हैवान परिजनों ने उसकी मौत के बाद उसके लिए खोदा था|

आफरीन के शव ने सुनाई आफरीन के मौत की दास्तान, बर्बरता ने ली आफरीन की जान|
हालांकि अभी इस बात की आधिकारिक पुष्टि बाकी है लेकिन विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि पोस्टमार्टम में आफरीन के शव ने वह गवाही दी है जो साबित करता है यह कि आफरीन की मौत कोई साधारण मौत नहीं है बल्कि उसे प्रताड़ित कर मारा गया है|
आफरीन की मौत गांव वालों को आफरीन के माता-पिता और परिजनों को सुनाई गई कहानी के हिसाब से किसी बीमारी से नहीं बल्कि सिर में चोट लगने के कारण हुई है|
जाहिर सी बात है यदि पोस्टमार्टम में यह निकल कर सामने आया है कि आफरीन की मौत कोई साधारण मौत नहीं है तो इस बात को छुपाने वाले उसके सभी परिजन और रिश्तेदार अपराध में बराबर के हिस्सेदार हैं|
खबर यह भी मिली है पीपरपुर पुलिस ने टिकावर चौकीदार की तहरीर और तमाम सबूतों के मद्देनजर आफरीन के पिता नियामत उल्ला तथा उसके भाई हैदर अली को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, ऐसे में आफरीन की मौत कारण साधारण न होना उन सभी के गिरेबान को भी पुलिस के हाथों में जकड़ देगा जिन्होंने आफरीन की हत्या को छिपाने का प्रयास किया है|
 
सवाल पुलिसिया कार्यप्रणाली पर भी जो ठीक होती तो शायद बच सकती थी आफरीन की जान|
आफरीन बानों की मौत हो गई,20 वर्षीय युवती एक हिन्दू को चाहने पर परिजनों के नफरत की भेंट चढ़ गई, परिजन भी अब अपने किये पाप का दंड जेल में भोगेंगे लेकिन सवाल वही है कि क्या पुलिस थोड़ी संवेदनशीलता दिखाती तो क्या आफरीन बच सकती थी?
धम्मौर पुलिस ने जब भरे धम्मौर बाजार में आफरीन को बेरहमी से पीटते हुए उसके भाई और पिता को आफरीन सहित हिरासत में ले लिया था, बात दो अलग-अलग धर्मों के बीच प्रेम प्रसंग की थी,जब आफरीन घर वालों के साथ नहीं जाना चाहती थी तो उसे जबरन उसके मां के सुपुर्द धम्मौर पुलिस ने आखिर क्यों किया?


ऐसे घटनाक्रम दोबारा न हो सकें इसके लिए तय किया जाना चाहिए कि यूपी पुलिस इतनी तो संवेदनशील हो ही कि भविष्य में ऐसे प्रकरण पुलिस के सामने यदि दोबारा आयें तो युवतियों को परिजनों के सुपुर्द करने से पहले यदि परिजन दूसरे थाने से संबंधित हों तो उस थाने को सम्पूर्ण वस्तुस्थिति से पुलिस द्वारा अवगत कराया जाये, क्योंकि यदि पीपरपुर पुलिस को सूचना होती तो क्या पता चार तारीख को पीपरपुर पुलिस आफरीन की सुधि लेने उसके घर ही पहुंच गई होती और दरिंदें आफरीन के प्राण बख्श दिये होते|

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