Amethi News:पथरी का आपरेशन कराने गई महिला कोमा में पहुंची, अस्पताल पर लापरवाही का लगा आरोप|
मामला अमेठी के मशहूर संजय गांधी हाॅस्पिटल से जुड़ा है जहां पथरी का आपरेशन कराने पहुंची महिला की जान अस्पताल की लापरवाही के चलते जोखिम में पड़ने के आरोप लग रहे हैं|
न्यूज़ 21
अमेठी उत्तर प्रदेश|
मामला अमेठी के मशहूर संजय गांधी हाॅस्पिटल से जुड़ा है जहां पथरी का आपरेशन कराने पहुंची महिला की जान अस्पताल की लापरवाही के चलते जोखिम में पड़ने के आरोप लग रहे हैं|
दरअसल गुरुवार को ग्राम शाहपुर, पोस्ट चन्दौकी थाना मुंशीगंज के निवासी अनुज शुक्ला अपनी 22 वर्षीय पत्नी दिव्या शुक्ला के साथ सुबह दस बजे के करीब संजय गांधी हाॅस्पिटल मुंशीगंज पहुंचे|
दिव्या शुक्ला संजय गांधी हाॅस्पिटल में डाक्टर मोहम्मद रजा से पथरी का इलाज करा रहीं थीं और गुरुवार को उनका आपरेशन होना था|
अपने दस माह के इकलौते बेटे तथा पति व परिजनों के साथ खाली पेट अस्पताल पहुंची दिव्या को भरोसा था कि आपरेशन के बाद उसे पथरी की दर्दनाक पीड़ा से मुक्ति मिल जाएगी, शायद इसीलिए आपरेशन से ठीक पहले वह अपने दस माह के बच्चे को दुलार कर हंसी खुशी आपरेशन रूम में गुरुवार लगभग दो बजे दाखिल हो गई|
परिजन भी आपरेशन पूरा होने के इंतजार में बैठ गये, सबने उम्मीद की होगी की आपरेशन थियेटर से पथरी की पीड़ा से मुक्त दिव्या बाहर निकलेगी, लेकिन हुआ उलटा, आपरेशन थियेटर से दिव्या जिंदा लाश बनकर बाहर निकली वह भी बिना आपरेशन के ही|
दिव्या के पति अनुज शुक्ला तथा मड़ौली, संग्रामपुर निवासी चाचा अमित तिवारी ने बताया कि आपरेशन से पहले संजय गांधी हाॅस्पिटल में दिव्या की पूरी जांच हुई जिसके लिए 20 से 25 हजार रूपए उन्होंने वहन किये, गुरुवार दो बजे के करीब उसे आपरेशन रूम में ले जाया गया और उसके फौरन बाद उसे बाहर निकाल दिया गया, उसका आपरेशन भी नहीं हुआ था,हुआ था तो बस इतना की दिव्या अपने पांव पर चलकर आपरेशन रूम में दाखिल हुई और निकली स्ट्रेचर पर वह भी कोमा के हालात में|
हमारे संवाददाता ने अस्पताल प्रबंधन से कारण जानना चाहा तो पता चला एनेस्थीसिया की प्रक्रिया के दौरान दिव्या की हालत गंभीर हो गई, कुछ लोगों में एनेस्थीसिया का दुष्प्रभाव हो जाता है दिव्या के साथ भी ऐसा ही हुआ होगा,जिससे वह कोमा में चली गई है और उसकी हालत नाज़ुक है|
दिव्या के परिजन इसे अस्पताल की लापरवाही बता रहे हैं,उनका कहना है कि जब डाक्टरों को पता है कि एनेस्थीसिया का दुष्प्रभाव भी हो सकता है तो दिव्या पर यह प्रक्रिया करने से पहले जांच क्यों नहीं की गई|
दिव्या के पति अनुज शुक्ला ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि दस फरवरी 2022 को उनकी दिव्या के साथ शादी हुई,दस माह का छोटा बच्चा है, उन्हें नहीं पता था संजय गांधी हाॅस्पिटल इस कदर लापरवाह है,आज उनकी पत्नी,उस दस माह के अबोध बच्चे की मां अस्पताल की लापरवाही के चलते जिंदगी मौत की जंग लड़ रही है|
दिव्या के पति अनुज शुक्ला अस्पताल प्रबंधन और डाक्टरों को अपने साथ हुए इस अन्याय का दोषी ठहरा रहे हैं, उन्होंने मुंशीगंज थाने में तहरीर देते हुए इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है, तहरीर मिलते ही मुंशीगंज पुलिस भी जांच में जुट गई है, खबर लिखे जाने तक दिव्या वेंटिलेटर पर ही है और उसकी हालत बद से बद्तर होती जा रही है|
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