Navratri:मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं|
मान्यता है कि मां का यह रूप सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाला है, मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना से सभी तरह की सिद्धियां प्राप्त होती है और लौकिक-परलौकिक सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है।
न्यूज़ 21
दिल्ली|
आज नवरात्रि पर्व का नवां दिन है, आज के दिन आदि शक्ति मां भवानी के नवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है।
मान्यता है कि मां का यह रूप सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाला है, मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना से सभी तरह की सिद्धियां प्राप्त होती है और लौकिक-परलौकिक सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है।
मां सिद्धिदात्री का रूप परम दिव्य है, मां का वाहन सिंह है और देवी कमल पर भी आसीन होती हैं, इनकी चार भुजाएं हैं, दाहिने ओर के नीचे वाले हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा और बाईं ओर के नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल का फूल है।
मां सिद्धिदात्री को देवी सरस्वती का भी स्वरूप माना गया है, मां को बैंगनी और लाल रंग अतिप्रिय होता है, कहते हैं मां सिद्धिदात्री की अनुकंपा से ही शिवजी का आधा शरीर देवी का हुआ और इन्हें अर्द्धनारीश्वर कहा गया।
इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है, माता सिद्धिदात्री की साधना से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं, भक्त इनकी पूजा से यश, बल, कीर्ति और धन की प्राप्ति करते हैं, मां भगवती का स्मरण, ध्यान, पूजन हमें इस संसार की असारता का बोध कराते हुए वास्तविक परमशांतिदायक अमृत पद की ओर ले जाता है|
मां सिद्धिदात्री की उपासना की जो विधि बताई गई है उसके मुताबिक सर्वप्रथम कलश की पूजा व उसमें स्थित सभी देवी-देवताओ का ध्यान करना चाहिए, रोली, मोली, कुमकुम, पुष्प चुनरी आदि से मां की भक्ति भाव से पूजा करें।
हलुआ, पूरी, खीर, चने, नारियल से माता को भोग लगाएं, इसके पश्चात माता के मंत्रों का जाप करना चाहिए,इस दिन नौ कन्याओं और एक बालक को घर में भोजन करना चाहिए, कन्याओं की आयु दो वर्ष से ऊपर और 10 वर्ष तक होनी चाहिए और इनकी संख्या कम से कम 9 तो होनी ही चाहिए।
मां सिद्धिदात्री का प्रिय मंत्र"सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी" है,कहा जाता है कि इस मंत्र के अनुष्ठान से सिद्धिदात्री मां अत्यंत प्रसन्न होती हैं और अनुष्ठान करने वाले भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं|
What's Your Reaction?