दंगे में मारे गए जिस शख्स के पिता को बीजेपी ने दिया टिकट क्या है उसकी कहानी, जानें कौन हैं रविंद्र चौबे?
Chhattisgarh BJP Candidates List 2023: छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विधानसभा चुनाव के लिए दो लिस्ट जारी कर 85 कैंडिडेट्स के नामों की घोषणा कर दी है. लिस्ट को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है कि पार्टी 4 सांसदों से विधायकी का चुनाव लड़वाने जा रही है. बीजेपी की लिस्ट में दंगों में मारे गए युवक के पिता का भी नाम शामिल है. भुवनेश्वर साहू की इसी साल अप्रैल में दंगों में मौत हो गई थी. पार्टी ने भुवनेश्वर के पिता ईश्वर साहू को बेमेतरा की साजा विधानसभा सीट से टिकट दिया है.
Chhattisgarh BJP Candidates List 2023: छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विधानसभा चुनाव के लिए दो लिस्ट जारी कर 85 कैंडिडेट्स के नामों की घोषणा कर दी है. लिस्ट को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है कि पार्टी 4 सांसदों से विधायकी का चुनाव लड़वाने जा रही है. बीजेपी की लिस्ट में दंगों में मारे गए युवक के पिता का भी नाम शामिल है. भुवनेश्वर साहू की इसी साल अप्रैल में दंगों में मौत हो गई थी. पार्टी ने भुवनेश्वर के पिता ईश्वर साहू को बेमेतरा की साजा विधानसभा सीट से टिकट दिया है.
जानकारों का कहना है कि पार्टी का यह स्मार्ट मूव है, लेकिन जीत की गारंटी नहीं है क्योंकि ईश्वर सिंह का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है. उनका मुकाबला साजा से कांग्रेस के मौजूदा विधायक रविंद्र चौबे से हो सकता है.
क्या हुआ था बिरनपुर में?
करीब 6 महीने पहले 8 अप्रैल, 2023 को दो गुटों के बीच झगड़ा हुआ था, जिसमें भुवनेश्वर साहू की हत्या कर दी गई. पुलिस के मुताबिक, एक बच्चे से मारपीट के बाद दो समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया था. झगड़ा बच्चों की लड़ाई से शुरू हुआ था और बाद में बड़े भी इस मामले में कूद पड़े. बवाल इतना बढ़ गया कि आगजनी जैसी घटनाएं भी देखने को मिलीं. इसके चलते गांव में दो हफ्ते तक कर्फ्यू लगा रहा और दोनों समुदाय के दर्जनों लोगों की गिरफ्तारियां हुईं. इस घटना के 4 दिन बाद गांव में अल्पसंख्यक समुदाय के बाप बेटे की हत्या कर दी गई. इस मामले को लेकर बीजेपी छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार पर लगातार हमलावर रही है.
पीड़ित परिवार ने नहीं लिया मुआवजा और सरकारी नौकरी
छत्तीसगढ़ सरकार ने भुवनेश्वर साहू के परिवार के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे और सरकारी नौकरी का ऐलान किया था, लेकिन पीड़ित परिवार ने यह लेने से इनकार कर दिया. पीड़ित परिवार ने कहा था कि उन्हें पैसा और सरकारी नौकरी नहीं, न्याय चाहिए. उस वक्त भुवनेश्वर साहू के भाई कृष्ण साहू ने एबीपी न्यूज के साथ बातचीत में कहा था, 'हमें इंसाफ चाहिए. जान के बदले पैसे लेने के लिए हम राजी नहीं हैं. मैं अपने परिवार को रोजी मजदूरी कर पाल लूंगा.' इसके अलावा, कृष्ण साहू की बड़ी बहन ने भी सरकार की घोषणा को कोई तवज्जों नहीं दिया. उन्होंने कहा कि हम सरकार के पैसे से सहमत नहीं हैं. पहले उनको सजा दीजिए. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार हमारा मुंह बंद करने की कोशिश कर रही है. हमारे भाई की कीमत दे रहे हैं. जान के बदले फांसी देनी चाहिए.'
कौन हैं रविंद्र चौबे?
रविंद्र चौबे कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं. वह लंबे समय से राज्य की राजनीति में सक्रिय हैं. साल 1982 में वह युवा कांग्रेस दुर्ग में महामंत्री और अध्यक्ष बने. 1990,1993,1998,2003 और 2008 में रविंद्र चौबे मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए. वह इस वक्त राज्य के बेमेतरा जिले के साजा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, वह 2009 से 2013 के दौरान नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं.
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