Parliament Session Live:भारत में महिलाओं को मिलेगा 33% आरक्षण,नारी शक्ति वंदन अधिनियम संसद में पेश|
आज देश के नये संसद भवन में, पहले दिन ही संसद की शुरू हुई कार्यवाही में, मोदी सरकार ने लंबे समय से देश में महिला आरक्षण की करी जा रही मांग को पूरा करते हुए नारी शक्ति वंदन अधिनियम पेश कर दिया है|
News21
दिल्ली|
आज देश के नये संसद भवन में, पहले दिन ही संसद की शुरू हुई कार्यवाही में, मोदी सरकार ने लंबे समय से देश में महिला आरक्षण की करी जा रही मांग को पूरा करते हुए नारी शक्ति वंदन अधिनियम पेश कर दिया है|
इस अधिनियम के पास हो जाने के बाद भारत की महिलाओं को देश में 33% आरक्षण मिल जायेगा, यही कारण है कि आज देश की तकरीबन आधी आबादी जश्न मना रही है, नरेंद्र मोदी का गुणगान कर रही है|
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बिल को पेश किया, इस बिल में लोकसभा और विधानसभा में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है, ऐसे में यदि बिल पास हो जाता है तो भारत की लोकसभा और विधानसभा में अब हर तीसरी सदस्य महिला होगी|
इस हिसाब से अभी जिस लोकसभा में केवल 82 महिला सदस्य हैं, इस बिल के कानून बनने के बाद उसी लोकसभा महिला सदस्यों के लिए 181 सीटें रिजर्व हो जाएंगी|
बिल में संविधान के अनुच्छेद- 239AA के तहत राजधानी दिल्ली की विधानसभा में भी महिलाओं को 33% आरक्षण दिया गया है, मतलब अब दिल्ली विधानसभा की 70 में से 23 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जायेंगी|
ऐसा नहीं कि सिर्फ लोकसभा और दिल्ली विधानसभा में ही महिलाओं को आरक्षण मिलेगा, कानून बनते ही देश के बाकी राज्यों की विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू हो जाएगा|
इस बिल के तहत लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण 15 साल के लिए मिलेगा|
15 साल बाद महिलाओं को आरक्षण देने के लिए फिर से बिल लाना होगा|
नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत एससी-एसटी महिलाओं के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था है, आरक्षण की ये व्यवस्था आरक्षण के भीतर ही की गई है, मतलब, लोकसभा और विधानसभाओं में जितनी सीटें एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं, उन्हीं में से 33% सीटें अधिनियम लागू होने के बाद इस वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित हो जायेंगी|
सामान्य और ओबीसी वर्ग की महिलाओं के लिए भी अधिनियम के तहत आरक्षण की यही व्यवस्था लागू होगी|
जैसा की आपको मालूम होगा लोकसभा में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं है, ऐसे में एससी-एसटी की आरक्षित सीटों को हटा देने के बाद लोकसभा में कुल 412 सीटें बचती हैं, इन सीटों पर ही सामान्य के साथ-साथ ओबीसी के उम्मीदवार भी लड़ते हैं, इस हिसाब अधिनियम लागू होते ही शेष 412 सीटों में से 137 सीटें सामान्य और ओबीसी वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी|
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