Bharat Jodo Nyay Yatra: सात साल के बाद ‘यूपी के दो लड़के ’तैयार , पढ़ें पूरी ख़बर
Bharat Jodo Nyay Yatra: उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव की सियासी गर्मी के बीच एक बार फिर से ‘यूपी के दो लड़कों की जोड़ी’ साथ नजर आएगी। बता दें, कि कांग्रेस और सपा के बीच भले ही सीट शेयरिंग पर फाइनल मुहर अभी तक नहीं लगी हो , लेकिन अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है।
Bharat Jodo Nyay Yatra: उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव की सियासी गर्मी के बीच एक बार फिर से ‘यूपी के दो लड़कों की जोड़ी’ साथ नजर आएगी। बता दें, कि कांग्रेस और सपा के बीच भले ही सीट शेयरिंग पर फाइनल मुहर अभी तक नहीं लगी हो , लेकिन अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है।
यूपी पहुंचेगी राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’
बता दें, कि राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 16 फरवरी को चंदौली जिले से उत्तर प्रदेश में एंट्री करेगी। कांग्रेस की यह यात्रा यूपी में 11 दिनों तक रहेगी और 18 से 20 जिलों से होकर गुजरेगी। बताया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के लिए आमंत्रित किया था, जिसे अखिलेश ने मंगलवार को स्वीकार कर लिया है।
रायबरेली-अमेठी में साथ दिखेंगे राहुल -अखिलेश
गौरतलब है कि ‘यूपी के दो लड़कों की जोड़ी’ फिलहाल अमेठी और रायबरेली में नजर आएगी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में सूबे के तमाम इलाकों में साथ-साथ नजर आएंगे। और ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कैसे राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए रजामंदी दे दी है।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए ऐसे समय अपनी सहमति दी है। जिस समय आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी के बीजेपी के साथ गठबंधन की खबरे चल रही हैं। वहीं दूसरी तरफ जयंत चौधरी अगर वाकई INDIA गठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ जाते हैं तो पश्चिमी यूपी में सपा को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
मुस्लिम इलाकों पर कांग्रेस का जोर
कहा जा रहा है कि पिछले साल भी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा यूपी में मुस्लिम बहुल इलाके से ही होकर गुजरी थी। जिसमें बड़ी तादाद में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए थे। और इस बार कांग्रेस ने सूबे के मुस्लिम इलाकों को रूट में शामिल किया है ताकि 2024 के राजनीतिक समीकरण को साधा जा सके।
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